भारत में तकनीकी शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए AICTE (All India Council for Technical Education) ने एक नई पहल की है। इस बार उन्होंने एक खास प्रोग्राम लॉन्च किया है जिसका नाम है – AICTE Industry Fellowship Programme 2025। इस पहल का मकसद है इंडस्ट्री और एकेडेमिक वर्ल्ड के बीच गहराई से जुड़ाव बनाना, ताकि स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स को रियल वर्ल्ड एक्सपीरियंस मिल सके।
आज के समय में जहां स्किल गैप बढ़ता जा रहा है, वहीं AICTE का यह कदम इंडस्ट्री और एजुकेशन सेक्टर को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाकर एक नई दिशा देने वाला है। ये प्रोग्राम उन पीएचडी और एमटेक छात्रों के लिए है जो अपने रिसर्च वर्क को इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार अपग्रेड करना चाहते हैं।
Industry Fellowship Programme क्या है?
AICTE द्वारा शुरू किया गया यह Industry Fellowship Programme खास तौर पर ऐसे छात्रों के लिए है जो टेक्निकल एजुकेशन में रिसर्च कर रहे हैं और अपने काम को इंडस्ट्री के साथ लिंक करना चाहते हैं। इस फेलोशिप के तहत छात्रों को इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिलेगा, जिससे वो रिसर्च और प्रैक्टिकल स्किल्स को एक साथ जोड़ पाएंगे।
इसका मकसद सिर्फ जॉब के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करना नहीं, बल्कि इनोवेशन और सॉल्यूशन डेवलपमेंट में भी उनका सहयोग बढ़ाना है। इसमें छात्रों को एक तय अवधि तक किसी इंडस्ट्री या कंपनी के साथ काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें बेहतर नेटवर्क, एक्सपीरियंस और अपॉर्च्युनिटी मिलेंगी।
किन्हें मिलेगा इस फेलोशिप का फायदा?
इस प्रोग्राम का फायदा मुख्य रूप से Ph.D. स्कॉलर्स, M.Tech छात्र, और टेक्निकल फील्ड के रिसर्चर को मिलेगा। AICTE ने इस फेलोशिप को पूरी तरह से इंडस्ट्री-फोकस्ड बनाया है, जिससे रिसर्च को मार्केट की जरूरतों के हिसाब से मोड़ा जा सके।
छात्रों को न सिर्फ स्कॉलरशिप दी जाएगी, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री में रियल टाइम प्रोजेक्ट्स पर काम करने का भी मौका मिलेगा। इसके जरिए रोजगार की संभावनाएं, इंडस्ट्री एक्सपोजर और पार्टनरशिप स्कोप काफी बढ़ जाएगा।
इस पहल का इंडस्ट्री और एजुकेशन पर असर
AICTE का ये प्रयास इंडस्ट्री और एकेडेमिया के बीच एक ऐसा पुल बनाता है जो सालों से मिसिंग था। कंपनियों को क्वालिटी टैलेंट मिलेगा जो उनकी जरूरतों को समझकर रिसर्च करेगा, वहीं छात्रों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और एम्प्लॉयमेंट स्कोप। इससे स्टार्टअप कल्चर और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इनोवेशन को भी बूस्ट मिलेगा।
ये फेलोशिप भारत की टेक्निकल एजुकेशन को सिर्फ थ्योरी तक सीमित नहीं रहने देगी, बल्कि उसे इंडस्ट्री से जोड़कर इनोवेटिव और प्रैक्टिकल सॉल्यूशंस तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ाएगी।